दरवाजा खोल
नई किरण का ,
नई हवा का ,
स्वागत कर ,
आगत का /
२.य़ू ही ,
चक्की चलती रहती
पल पल सृष्टि
रंग बदलती /
३.सृष्टि के उत्सव में ,
इन पिंडों के कलरव में
जा अनगिनत ,
सूर्यों के साथ ,
फिर से ,
तांडव नृत्य कर ले /
"आज की अभिव्यक्ति "(Hindi Poems) कवि नीरज की दैनिक अभिव्यक्ति का एक अंश मात्र.....Contact 9717695017
मै भारत का नेता हूँ नेता नहीं अभिनेता हूँ चमचे चिपकें जैसे गोंद धोती नीचे हिलती तोंद // मेरी तोंद बढे हो मोटी सारे चेले सेंक...