23 जन॰ 2012

"नैन सुख"

आ नैन लड़ा लें
नैन सुख ,रसमय
सब दुःख भूल
उड़ चलें ,स्वप्न रथ
जीवन यात्रा ,
यूँ ही ,
और बढ़ा लें ,
नैन लड़ा लें ,
प्रेम बढ़ा लें /

1 टिप्पणी:

prakriti ने कहा…

स्नेह सुधा चख हमने जाना
ममता का तुम खुला खजाना
बुझ जाएगी जग की तृष्णा
प्रिय इतने तुम प्रीत भरे हो!
इतना दिया मुझे तुमने की
मेरी झोली अदनी ठहरी
तुमने प्यास बुझा दी इतनी
भीग गई मन की दोपहरी
सम्बल रीत गया था मेरा
ऐसे में आ तुमने टेरा
अब अभियान सफल मेरे सब
सचमुच तुम तो जीत भरे हो!
जीवन की तुमसे परिभाषा
तुम मेरी सारी अभिलाषा
है! समर्पण मेरा लेकिन
तुम तो मधुमय गीत भरे हो!

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